Monday, May 31, 2010

दोस्तों

दोस्तों, हम दिन भर में सैकड़ों मैसेज भेजते हैं, वे चुटकुले होते हैं, कमेंट होते हैं, इमोशंस होते हैं, फ्लर्टी होते हैं, डर्टी होते हैं....लेकिन क्या आपने ये भी कभी सोचा है कि भारत में कितने प्रतिशत गरीबी है, कितने लोग प्रतिदिन भूखे सोते हैं, कितने बच्चे प्रतिदिन वेश्यावृत्ति के दलदल में धकेले जाते हैं, हमारी शासन व्यवस्था विश्व में किस पायदान पर आती है, हम भ्रष्टाचार में किस नंबर हैं, भारत के प्रति व्यक्ति पर वर्ल्ड बैंक का कितना कर्ज है....।

खाली समय में कभी-कभी ये भी शेयर कर लिया कीजिये...सही है कि अकेला कुछ नही कर सकता, लेकिन कई लोग अगर सोच लें तो कुछ भी कर सकते हैं...भारत नही अपनी आने वाली पीढ़ी के बारे में सोचिये, शायद उसके पास ये सोचने का वक्त भी नही होगा.....।

अगर आप कुछ कहना चाहते हैं तो प्लीज कमेंट दें.....http//:dastuk.blogspot.com

3 comments:

  1. ठीक है..वैसे तो सोचते रहते हैं.

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  2. ha sochte to kafi sare he magar amal nahi kar pate he na

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  3. जीवन के अजीब से पहलु हैं जिनमे बहुत से अनबूझे सवाल हैं.... आपका कहना बिलकुल ठीक है.... पर.... देश और आसपास की चिंता तो दूर की बात है, पहले तो हम अपना भला ही सोच लें... हम ऐसे ऐसे कर्म करते हैं, जिनका परिराम गलत होगा ये हमें पता है, पर जीवन के नशे में मदहोश होके हम अपने को रोक ही नहीं पाते..... और अंधी राहों में घूमते रहते हैं.... हमें यही सच लगता है और इसको हम जीवन जीना कह देते हैं......पर सही मायने में ये सिर्फ छलावा है जो जुगनू की रौशनी की तरह दिन में गायब हो जायेगा.... और हम रह जायेगे अकेले क्योंकि इन सब सुख के नशे में हमने एक दुसरे का हाथ तो पकड़ा ही नहीं था....जिस दिन हम सोचना शुरू कर देंगे.... वाकई में ये धरती खुश नुमा स्वर्ग बन जाएगी....
    आप बहुत अच्छा सोचते हैं और लिखते हैं .... मेरी शुभकामनाएँ आपके साथ हैं......

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