यह स्थान कितना दिव्य है इसका अंदाजा आपको यहाँ सप्ताह के सोमवार और शुक्रवार दिनों में आने पर चलेगा। इन दिनों यहाँ पर तिल रखने की भी जगह नहीं रहती है। हाँलाकि मातारानी का यह स्थान घने जंगल में है लेकिन श्रद्धालुओं की भीड़ से यह पूरा वनक्षेत्र भी कम नजर आने लगता है। हर महीने की पूर्णिमा के दिन यहाँ अद्भुत नजारा होता है जब हजारों की संख्या में भक्त माता को चुनरी चढ़ाने आते हैं।
यह मेरे स्वयं अनुभव की बात है। सभी को मातारानी के दरबार में अवश्य जाना चाहिये। जबतक न जा पायें तबतक मेरे द्वारा बनाये गये उपरोक्त वीडियो में ही मातारानी के पिंडी स्वरूप का दर्शन करके पुण्यलाभ प्राप्त करे।
जय मदनपुरवाली मातारानी। आपकी सदा जय हो।।