Friday, November 25, 2011

महराजगंज के निवासियों के लिये एक नया नाम

मेरी हमेशा से यही सोच रही है कि काश मैं अपने छोटे से कस्बे के लिये कुछ ऐसा कर पाता कि इसकी भी पहचान देश और विश्व स्तर पर हो सकती। फिलहाल ऐसा अभी हो तो नही पाया लेकिन कोशिश अभी जारी है और यकीनन भविष्य में यह होगा जरूर भले ही उसका कारण मैं ना रहूँ।
फिलहाल तो मैने कुछ देर पहले अपने यातायात वाले पोस्ट को कुछ दोस्तों के ईमेल आईडी पर भेजा जिसे भेजते हुये मैसेज वाले बाक्स में मैनें अचानक ही लिख दिया कि...plz fwd this to all maharajas...यह लिखते ही अचानक ही ख्याल आया कि अगर मुंबई के मराठी लोग मुंबईकर हो सकते हैं....दिल्ली के दिलवाले हो सकते हैं...पंजाब के पंजाबी हो सकते हैं....केरल के मलयाली हो सकते हैं तो महराजगंज के Mahrajas क्यों नही हो सकते हैं। जरूर हो सकते हैं यह नाम महराजगंज के निवासियों के लिये और भी प्रासंगिक है क्योंकि यहाँ के निवासियों जैसी अमन पसंद जनता शायद ही कहीं हो...हम भले ही विकास के टट्टू पर बैठकर ही अपनी यात्रा पूरी करने की कोशिश कर रहे हों और शेष भारत के तेज कदमों से कदम मिलाकर ना चल पा रहे हों लेकिन हममें एक बात तो है जो औंरों से अलग करती है और वह है हमारी मेहनत से उगाई गई अनाज की बोरियाँ, धान और गेहूँ के रिकार्ड उत्पादन से लाखों भारतवासियों को मिल रहा भोजन, सांप्रदायिक सौहार्द से की मिसाल कायम करती यहाँ की सहिष्णु जनता जो दिल से राजा ही नही महाराजा है....हम पेट भरते हैं..लेकिन हमारे पेट पर उत्तर प्रदेश से बाहर लात मारी जाती है...हम यहाँ पर सबका सम्मान करते हैं, आने वालों की इज्जत करते हैं जबकि बाहर वाले हमें भिखारी कहकर दुत्कारते हैं और हमें हमारा हक देने से कतराते हैं...हम दिल्ली की सरकार बनाते हैं लेकिन वही सरकार हमें मू्र्ख बना देती है....हम आगे बढ़ने की कोशिश करते हैं लेकिन हमें पिछड़ा कहकर पीछे धकेल दिया जाता है....हम फिर भी आगे बढ़ने की कोशिख कर रहें है आज नही तो कल वह वक्त आयेगा जब यहाँ के लड़के अंग्रेजी नाम की विदेशी चाबुक को अपने हाथ में लेकर विकास नाम के बिगड़ैल घोड़े को मार-मारकर यहाँ पर लायेंगे और उसे सड़कों नही जुते हुये खेतों में दौड़ायेंगे... तब ना केवल राज ठाकरे जैसे लोग बल्कि चिदंबरम जैसे लोग भी मानने के लिये बाध्य होंगे कि हम ही हैं महाराजा....।
दिल से निकलगी, ना मरकर भी, वतन की उल्फत मेरी मिट्टी से भी खुशबू-ए-वतन आयेगी....।

3 comments:

  1. We are the maharajas in true sense

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  2. आपकि सक्रियता देख हमे बहुत खुशि हुई !
    हम आपकि और पुरे भारतवासियो कि भावना को ध्यान मे रख कर बस आपसे यहि विनति करेंगे कि क्रिपया आप भासा और प्रदेश विरोधि लेख ना लिखे..!
    हमे भि पता है कि आपको ये देख कितना ठेस पहुंचा होगा..मगर आप भि उन्हि लोगो कि तरह अपने वकत्व्य लिखेगे तो हमारे समाज पर गलत असर पडेगा और आप मे और उन लोगो मे अंतर क्या रह जायेगा ?

    क्रिपया मेरी बातो को थोडा दिल पे ले..!

    हमे आपका दर्द पता है क्युंकि मै भि महराजगंज के रहने वाले है जो पढ्ने के लिये गाजियाबाद मे रहता हु.!

    शुक्रिया..
    http://rdshayri.blogspot.com/

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  3. आपकी बहुमूल्य टिप्पणी के लिये धन्यवाद, मैं आपकी भावना की कद्र करता हूँ। मेरे इस आर्टिकल का मतलब किसी की भावना को ठेस पहुँचाना नही था।

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