शीर्षक पढ़कर हर भारतीय के मन में यह बात जरुर उठेगी कि सही है, चोर की दाढ़ी में तिनका। उपरोक्त तथ्य एक सर्वेक्षण में सामने आये हैं जिसे दो हजार पाकिस्तानी युवकों में किया गया। जाहिर सी बात है कि यदि यही सर्वेक्षण भारत में विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं में किया जाय तो सौ प्रतिशत भारतीय यह मानेंगे कि पाकिस्तान भारत की शांति के लिये सबसे बड़ा खतरा है।
सर्वेक्षण वाशिंगटन के एक रिसर्च सेंटर, ग्लोबल एट्टीट्यूड प्रोजेक्ट नाम की संस्था ने पाकिस्तान में करवाया। गौर करने वाली बात यह है कि उपरोक्त संस्थान ने यही सर्वेक्षण अमेरिका में करवाया होता तो क्या होता।
अमेरिका और पाकिस्तान, दोनों यह जानते हैं कि कौन किसके लिये खतरा है। इस प्रकार के सर्वेक्षणों की प्रासंगिकता कितने दिनों तक है सभी जानते हैं। महत्वपूर्ण यह है कि अपगानिस्तान और ईरान मसले पर इसी प्रकार के सर्वेक्षण अमेरिका और पूरे विश्व में किये जाने चाहिये।
यह सर्वेक्षण हामिद करजई के उस बयान के बाद आया है जिसमें उन्होने कहा है कि आतंकवादियों के खात्मे के लिये पाकिस्तान पर हमले क्यों नही किये जा रहे हैं।
भारत पाकिस्तान जैसे अतिसंवेदनशील मुद्दे पर इस प्रकार की घटिया मानसिकता वाले सर्वेक्षणों के उपरांत निकाले गये वाहियात निष्कर्षों के आधार पर दोनों देशों के बीच में कटुता बढ़ाने के बजाय अमेरिका को वियतनाम के बाद अफगानिस्तान से नंगा होकर भागने के रास्ते तालाशने चाहिये।
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