Friday, May 29, 2020
ज्ञान का मुण्डन-कोरोना काल में...
Friday, May 22, 2020
कोरोना महामारी बनाम अन्य खतरनाक बीमारियाँ-1

क्रम. | क्षेत्र | संक्रमित | उपचारित | मृत्यु |
1 | विश्व | 50.8 लाख | 19.4 लाख | 3.32 लाख |
2 | भारत | 1.18 लाख | 48534 | 3583 |
ये
हैं शीर्ष पांच देश :
क्र.स. देश
मौतें
1. नाईजीरिया
1,62,000
2. भारत
1,27,000
3. पाकिस्तान
58,000
4. कांगो
40,000
5. इथोपिया
32,000
स्रोत-यूनिसेफ
निमोनिया से मरने वाले बच्चों की संख्या के मामले में भारत की स्थिति इतनी खराब है कि उससे ऊपर बस अफ्रीकन देश नाइजीरिया है, जहाँ के हालात बदतर हैं।कोरोना से तुलना-
अगर बात करें कोरोना से तुलना की तो देश में कोरोना का पहला केस सामने आने के बाद कुल मामलों की संख्या लघभग 1,18000 है। मरने वालों की संख्या 3583 है। यूनिसेफ द्वारा प्रदान किये गये आंकड़े पर नजर डालें तो 2018 में लघभग 1,27000 बच्चे, सिर्फ बच्चे ही मरें हैं।
सबसे बड़ी समस्या-
स्वास्थ्य क्षेत्र में आने वाली नई चुनौतियों और सामने आने वाली नई बीमारियोे के बीच यह लघभग भूला जा चुका है कि निमोनिया भी एक जानलेवा बीमारी है।
वजह सिर्फ इतनी है कि -
1-इससे मरने वाले वो बच्चें है जो अपने हक की आवाज नहीं उठा सकते हैं।
2-इससे मरने वालों बच्चों की संख्या धीरे-धीरे सामने आती है।
3-इससे मरने वाले बच्चे अविकसित और विकासशील देशों में रहते हैं।
4-इसकी वजह से लाकडाउन लगाने की नौबत कभी नहीं आती।
5-इसकी वजह से अर्थव्यवस्था को समग्र नुकसान नहीं होता।
सवाल-
पर क्या इसी वजह से निमोनिया जैसी घातक बीमारी से मरने वाले बच्चों की संख्या भारत में इसी तरह लाखों में रहेगी।
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